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त्यागी ब्राह्मण समाज के महान व्यक्तित्व




राजनेता, स्वाधीनता सेनानी और समाजसेवी चौधरी रघुवीर नारायण सिंह त्यागी, असौडा, हापुड़ रियासत जन्म:23 मई 1872.मृत्यु:9 जुलाई 1969. स्वामी दयानन्द सरस्वती और महात्मा गांधी पश्चिम उत्तर प्रदेश में सबसे पहले चौधरी रघुवीर नारायण जी के घर ही आए थे . अनेक बार सत्याग्रह मे जेल जाने वाले, भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस के पहले जिला अध्यक्ष और दो बार के विधायक चौधरी साहब ने त्यागी ब्राह्मण छात्रावास , मेरठ की स्थापना करायी और 60 एकड भूमि दान देकर मेरठ में गांधी आश्रम की स्थापना की. इनके बाबाजी राजा हरदयाल जी ने 1857 में लाखों रुपये देकर क्रांति की अगुवाई की थी जिसके कारण उनपर अभियोग भी चला था.




स्वाधीनता सेनानी, संविधान सभा के सदस्य और केन्द्रीय मंत्री श्री महावीर त्यागी:

बिजनौर जनपद के नूरपुर क्षेत्र के रतनगढ़ गांव निवासी महावीर त्यागी का जन्म 31 दिसंबर 1899 को मुरादाबाद जनपद के ढबारसी गांव में हुआ था। इनके पिता शिवनाथ सिंह जी गांव रतनगढ़ जिला बिजनौर के एक प्रसिद्ध ज़मीदार थे, इनकी माता जानकी देवी जी बहुत ही धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी। वो एक अनूठे व्यक्तित्व के बेहतरीन इंसान थे। मेरठ में शिक्षा प्राप्त करने के दौरान प्रथम विश्व युद्ध के समय वो सेना की इमरजेंसी कमीशन में भर्ती हो गए और उनकी तैनाती पर्सिया यानी ईरान में कर दी गयी। आजादी के आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी जी के पद चिन्हों पर चलते हुए उनसे प्रभावित होकर, वो कांग्रेस के एक बहुत कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में आजादी के आंदोलन में कई बार जेल गए। महावीर त्यागी का विवाह 26 जुलाई 1925 को बिजनौर जनपद के गांव राजपुर नवादा के ज़मीदार परिवार की बेटी शर्मदा त्यागी से हुआ था, इनकी तीन पुत्रियां है। इनकी पत्नी शर्मदा भी पहले से ही देश सेवा में लगी हुई थी और वो 1937 में देहरादून से संयुक्त प्रांतीय असेंबली के लिए चुनी गयी थी। हालाँकि असेंबली के लिए चुने जाने के एक वर्ष के बाद ही उनका निधन हो गया था। लेकिन पत्नी के निधन के बाद भी महावीर त्यागी जी का देश सेवा का जज्बा पूर्ण जोश के साथ कायम रहा और वो लगातार देश सेवा करते रहे। चाहें वो लम्बे समय तक अंग्रेजों की जेल में रहे, लेकिन फिर भी कभी उन्होंने अपने जीवन में विकट से विकट परिस्थितियों में भी सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं किया था। वो देहरादून में बेहद लोकप्रिय थे, महावीर त्यागी को जनता के द्वारा "देहरादून का सुल्तान" की उपाधि से नवाजा गया था, देहरादून उनका अपना कार्यक्षेत्र था। देहरादून, बिजनौर (उत्तर-पश्चिम), सहारनपुर (पश्चिम) लोकसभा क्षेत्र से वर्ष 1952, 57 व 62 में सांसद रहे महावीर त्यागी, वर्ष 1951 से 53 तक वह केन्द्रीय राजस्व मंत्री रहे। वर्ष 1953 से 57 तक त्यागी जी मिनिस्टर फार डिफेंस ऑर्गेनाइजेशन (1956 तक पंडित नेहरू के पास रक्षा मंत्री का कार्यभार भी था) रहे। उनके कार्यकाल के दौरान ही देश में रक्षा सम्बंधी सामान बड़े पैमाने पर बनाने का कार्य शुरू हुआ था। वर्ष 1957 के बाद भी वह विभिन्न कमेटियों और पुनर्वास मंत्रालय आदि में रहकर देश सेवा करते रहे. उन्होंने ही इंदिरा गांधी जी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जाने का बकायदा पत्र लिखकर विरोध किया था और उस समय की राजनीति के सिद्धांत देखों बाद में उन्हें उसी तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ही साल 1968 में महावीर त्यागी को पांचवें वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाया और सन,1970 में राज्यसभा सदस्य बनाकर संसद भेजा। साल 1976 में महावीर त्यागी ने सक्रिय राजनीति से हमेशा के लिए संन्यास ले लिया था। ऐसे महान व्यक्तित्व के धनी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महावीर त्यागी जी का स्वर्गवास 22 मई 1980 को नई दिल्ली में हो गया था, इस दिन यह महापुरुष हमेशा के लिए चिरनिद्रा में सो गया था.





महान संस्कृत विद्वान, आर्य समाज नेता और प्रखर सांसद पंडित प्रकाश वीर शास्त्री

Prakash Vir Shastri ( Born: 30 December 1923 at Rehra District Amroha, Uttar Pradesh. Died: 23 November 1977) was a Member of the Parliament of India (Sansad 1958 - 1977) and was also a leader in the Arya Samaj movement. Shastri ji was born to Chaudhari Dalip Singh Tyagi on 30 December 1923 in the Rehra village of Moradabad district (now in the Amroha district) of Uttar Pradesh. He was politically active as a young man, obtaining an M.A. degree from Agra University, and eventually rising to become Vice-Chancellor of Gurukul Vrindavan. He earned his Shastri degree from Sampurnanand Sanskrit University. In 1958 Shastri was elected to the Lok Sabha as an Independent and until his death continued to serve as an Independent member, first in the Lok Sabha and later in the Rajya Sabha. He was elected as a Jana Sangh nominee in 1974. Shastri ji opposed the official designation of English as the national language of India. He instead preferred Hindi. He was the first person to speak in Hindi language in United Nations as part of Indian delegation. He brought the bill in parliament for Abrogation of article 370 of Kashmir status in 1959 which was opposed by Nehru ji.




आर्य समाज नेता और बीजेपी सांसद श्री ओम प्रकाश त्यागी

Shri Om Prakash Tyagi (1912–1986 born in Tauli village of Bulandshahr District) was a former Member of the Rajya Sabha, which is the upper house of the Indian parliament. He introduced Dharma Raksha Vidheyak in parliament which got mired in controversies due to opposition from Christian missionaries and Muslim groups. He was founder President of Arya Veer Dal and led the Arya Samaj movement in Hyderabad liberation action. He Wrote a number of Books on Religion, Social and Political Themes.

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Tyagi , Shri Om Prakash
Party Name : Janata Party
Constituency : Bahraich
State : Uttar Pradesh
Member Experience : Elected to Loksabha 2 time
Last Loksabha Attended : 6

More Information :

TYAGI, SHRI OM PRAKASH, Janata Party Member of Parliament (Uttar Pradesh—Bahraich—1977): son of Pt. Ram Swarup Tyagi; born at Tauli Village, Bulandshahr District on December 12, 1912. He got education at Benaras Hindu University and Teachers' Physical Training at B.S.M., Varanasi; He was married to Smt. Chameli Devi on March 4, 1928 and had 4 sons and 1 daughter ; He was a great Social Worker and Agriculturist previously associated with Jan Sangh; participated in the freedom movement since student days (1921); look active part in the "Quit India" movement in 1942; was jailed with other freedom fighters for organising black flags demonstration against the Governor of Uttar Pradesh; Acting General Secretary, Bhartiya Jan Sangh, 1976; President, Arya Vir Dal, Punjab; 1940; Chief Controller and Organiser of International Arya Vir Dal, 1940—77; Joint Secretary, 1963-64 and 1966—71 and General Secretary, 1971—76 of International Aryan League; Secretary, Savadeshik Foreign Vedic Mission, 1966—76; Patron Adrash Vidyalaya, Vehjoi District Muradabad, President, (i) Bhartiya Mazdoor Sangh of the Bharat Heavy Electricals, Hardwar and (ii) Rashtriya Shramik Sangh of Antibiotics Plant, Rishikesh, 1975—77; Member; (i) Lok Sabha, 1967—70 and (ii) Rajya Sabha 1972— 77. Social activities: For character-building of the boys and girls of India and abroad, organised International Arya Vir Dal under Savadeshik Arya Pratinidhi Sabha in 1940; as a Relief Incharge, served the cyclone affected people in Midnapur (West Bengal) in 1942; led a relief team and worked for one year for the famine affected people of Bengal in 1943-44; went with three hundred volunteers of Arya Vir Dal for relief work in riot affected area of Noakhali (East Bengal) in 1946; organised relief centres run by Arya Samaj in Delhi and in many places of West Bengal for the help of refugees coming to India in millions in 1947; worked for six months to provide relief work to the victims of earthquake in Assam in, 1951; served the people terrorised by the Razakars in Hyderabad; started a Dayanand Home for East African Orphans at Nairobi in 1964; started inter-caste marriage movement in 1971; organised a big International Religious Conference in Mauritius and took one chartered ship and plane with about 1800 Indians to take part in the Conference in 1973; running about fifty Dayanand Sewashrams in the States of Rajasthan, Madhya Pradesh, Orissa and Uttar Pradesh inorder to uplift tribal people socially and educationally through education, dispensary and handicrafts; takes keen interest in the work and activities of Arya Samaj. Favourite pastime and recreation: Reading, writing, social work. Special interests: Social work. Publications: Author of about 25 books on religious, social and political themes. Sports and clubs: Yoga and yoga exercises. Travels abroad: Visited East African and European countries and Mauritius as a Vedic Missionary. Permanent address: 15, Diwan Hall, Chandni Chowk, Delhi.




Major Asa Ram Tyagi, Vir Chakra, Mahavir Chakra

Major Asa Ram Tyagi was the Hero of the Battle of Dograi of Khemkaran sector in 1965 war.

Born: 2 January 1939
Village Fatehpur, near Modinagar, Ghaziabad, Uttar Pradesh, India
Died : 25 September 1965 ( aged 26 ) Dograi, India-Pakistan Border
Service/branch: 3 Jat, Indian Army
Battles/wars: Indo- China war 1962 Indo-Pakistani War of 1965
Awards: Vir Chakra, Maha Vir Chakra (posthumous)

दुष्यंत कुमार त्यागी (27 सितंबर 1931-30 दिसंबर 1975) एक हिन्दी कवि , कथाकार और ग़ज़लकार थे।

जन्म: 27, सितम्बर 1931 उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के राजपुर नवादा गाँव में मृत्यु: 30,दिसंबर 1975 पेशा: उप निदेशक, दूरदर्शन , काव्य रचना, साहित्यकार विधा: कविता, ग़ज़ल विषय: राजनीति, समाज और प्रेम उल्लेखनीय काम: साये में धूप

दुष्यंत कुमार की कृतियां :

1.एक कंठ विषपायी 1963(काव्य नाटक)

2.और मसीहा मर गया (नाटक)

3. सूर्य का स्वागत.

4. आवाज़ों के घेरे.

5. जलते हुए वन का बसंत (काव्य संग्रह)

6. छोटे-छोटे सवाल.

7. आँगन में एक वृक्ष.

8. दुहरी जिंदगी (उपन्यास)

9.मन के कोण (लघुकथाएँ)

10. साये में धूप (ग़ज़ल संग्रह)




महान कवि और ग़ज़लकार श्री दुष्यंत कुमार त्यागी




प्रतिष्ठित कवि श्री रामावतार त्यागी का जन्म १९२५ को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के कुरावली गाँव में एक किसान परिवार में हुया था। उनकी माता का नाम भागीरथी और पिता का नाम उदल सिंह त्यागी था। कुरावली गाँव जो वर्तमान मे संभल जिले के अंतर्गत आता है।

त्यागी की प्रारंभिक शिक्षा १० साल की उम्र में शुरू हुई। जबकि उनकी शादी १९४१ में १६ साल की उम्र में ही हो गयी थी। उन्होंने १९४४ में हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की थी। त्यागी ने मुरादाबाद के चंदौसी डिग्री कॉलेज से स्नातक किया और हिन्दू विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।

उन्होंने राजीव गांधी (भारत के पूर्व प्रधानमंत्री) को व्यक्तिगत रूप से हिंदी भाषा की कक्षाएं दी थी। राजीव गांधी संजय गांधी और इंदिरा गांधी के बेटे थे। उन्होंने हिंदी फ़िल्म ज़िन्दगी और तूफ़ान (१९७५) के लिए "जिंदगी और रात तेरे लिए है" नामक गीत की रचना की।

उन्होंने नवभारत टाइम्स के लिए एक क्राइम रिपोर्टर के रूप में काम किया। उन्होंने साप्ताहिक लेख "मलूक दास की कलम से" भी लिखा। १२ अप्रैल १९८५ को त्यागी का निधन हो गया।

लेखन:

त्यागी ने १५ से अधिक हिंदी कविता पुस्तकें लिखी थी, और कुछ उपन्यास भी उनके क्रेडिट में हैं। उन्होंने समाधान नामक एक उपन्यास और चारित्रीन के पात्र नामक एक युगांतकारी उपन्यास लिखा। उन्होंने दिल्ली जो एक शहर था और राम झरोखा का संपादन किया।

उनके कविता संग्रहों में निम्नलिखित शामिल हैं

नया ख़ून (1953)
मैं दिल में (1959)
दिल्ली जो एक शहर था
सपना महक उताहे (1965)
गुलाब और बबूल वैन (1973)
राष्ट्रीय एकता की कहनियाँ
गाता हुआ दर्द (1982) [5]
महाकवि कालिदास रचित मेघदूत का कायानुवाद
लहू के चार कतरे (1984)
गीत बोलते हैं (1986, मरणोपरांत प्रकाशित हुआ)
१५ से भी ज्यादा किताबें लिखने वाले रामावतार त्यागी की कविताएं राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों में नौवीं और बारहवीं के पाठयक्रम में पढ़ाई जाती है।




Air Chief Marshal Shashindra Pal Tyagi

Great personalities:
Air Chief Marshal Shashindra Pal Tyagi The Former Chief Marshal Shashindra Pal Tyagi of the Indian Air Force was a veteran of both the 1965 and the 1971 Indo-Pak Wars. Air Marshal Tyagi was awarded the Param Vishist Seva Medal (PVSM) in 2003, Former Air Chief Marshal Shashindra Pal Tyagi was the 20th Chief of Air Staff of the Indian Air Force from 31 December 2004. Taygi held the appointments of Director Operations (Air Defence), ACAS (Intelligence), ACAS (Ops). He has had a stint as a senior fellow at the IDSA and was also a senior Instructor and Directing Staff at the DSSC, Wellington. Air Chief Marshal SP Tyagi was born on 14th March 1945 at Raja Ka Tajpur town in Bijnore district. His initial education was there at Mayo College, Ajmer. He served in Indian Air Force from 1963 till 2007.





स्वतंत्रता सेनानी और सांसद श्री शांति स्वरुप त्यागी का जन्म मेरठ जिले के कैथवाडि गाँव मे हुआ था और वे युवावस्था से ही स्वाधीनता आन्दोलन और कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ गए थे. बाद में मेरठ के जिला कॉंग्रेस अध्यक्ष और सांसद भी रहे.

प्रसिद्ध त्यागी ब्राह्मण व्यक्तित्व:

डॉ रमेश चंद त्यागी, डीआरडीओ व IIT, दिल्ली, ग्राम नेकपुर , Missile man of India

डॉ RK Tyagi, Chairman हिन्दुस्तान ऐरोनोटिक्स लिः
एयर चीफ मार्शल एस पी त्यागी
नैशनल सिक्युरिटी गार्ड NSG के संस्थापक और पूर्व मुंबई पुलिस कमिशनर श्री राम देव त्यागी
Dr. Rajpal Singh Tyagi: Indian Chamber of Veterinary Surgeons के founder president और हिमाचल कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व उप कुलपति डॉ राजपाल सिंह त्यागी, नारंग पुर
एयर कौमोडोर सुरेंद्र सिंह त्यागी, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड - सर्वाधिक घंटे, सर्वाधिक तरह के लड़ाकू विमान उड़ाने का रिकॉर्ड.
पद्म श्री डॉ संजय त्यागी, हृदय रोग विशेषज्ञ, महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं, भारत सरकार.



Krishna Chandra Sharma was born on 13 September 1903 in Seedkee Village, Saharanpur (in present day Uttar Pradesh). He completed his graduation in law from Meerut College.

Role in the Indian Independence Movement

He was the President of the Youth League in Meerut (1928-1930) and the President of the Anti-Untouchability Society, Meerut (1930-1932).

Sharma held a number of key posts in the Congress Party. He was the President of the City Congress Committee, Meerut (1931-1937 and 1939-1946), the Secretary of the Delhi Pradesh Congress Committee (1932-1936) and was later elected as its Vice President (1936-1938). He was also a member of Uttar Pradesh Congress Committee (1940-1942).

Contribution to Constitution Making

Sharma was elected to the Constituent Assembly from United Provinces on a Congress party ticket. He primarily contributed to discussions around the judiciary.

Contribution Post–Independence:

Sharma continued to be a member of the Uttar Pradesh Congress Committee (1946-1951) and was later elevated to the All-India Congress Committee (1949-1952).

He served as a member of the Provincial Parliament and the first three Lok Sabhas from 1952 to 1967.




Major General Vivek Tyagi




महान हिन्दी साहित्यकार

https://entranceindia.com/election-and-politics/shri-dharamvir-singh-tyagi-member-of-parliament-mp-from-muzaffarnagar-uttar-pradesh-biodata/ Details Yaha sai Laine hai - Shri Dharamvir Singh Tyagi

चौधरी हरिश्चंद्र ( त्यागी)

सर्व खाप पंचायत के प्रधान और मुहम्मद गौरी से लड़ने वाली सर्व खाप सेना के सेनापति. 1191 AD, 1192 AD.




राजा हरीश चंद त्यागी, सेनापति, सर्व खाप सेना